लेखनी कहानी -30-Mar-2022 काश! मैं एक तितली होती
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-काश! मैं एक तितली होती
काश! मैं एक तितली होती
जिंदगी के अनेक रंग देख पाती मैं
मैं एक फूल से, दूसरे फूल पर मंडराती
फूलों के झुंड में रहती
लगती सबको प्यारी
होती में एक
जिंदगी की राहों में खिलते फूल अनेक
सभी होते मेरे दोस्त
आसमान में उड़ती
देखते मुझे सभी प्यार से
आसमान के देखती अनेक रंग
इंद्रधनुष के रंग को जान पाती मैं
दुनिया की हर खुशी को प्राप्त कर पाती मैं
काश! मैं एक तितली होती।
जिंदगी के अनेक रंग देख पाती में।।
Anam ansari
31-Mar-2022 01:53 PM
Acha likha h
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Swati chourasia
31-Mar-2022 12:01 PM
बहुत ही सुंदर रचना 👌👌
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Gunjan Kamal
31-Mar-2022 07:46 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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